पीएम विश्वकर्मा योजना 2023, पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान, उद्देश्य, लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज़, बजट, पंजीकरण की प्रक्रिया, सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रिया, PM Vishwakarma Yojana 2023 in Hindi, PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana, Registration Process
परिचय
पीएम विश्वकर्मा योजना, जिसे पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान के रूप में भी जाना जाता है, 17 सितंबर, 2023 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का उद्देश्य भारत में पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान करना है, जो देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत में अमूल्य योगदान देते हैं।
योजना का नाम | पीएम विश्वकर्मा योजना या पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान |
द्वारा शुरू किया गया | प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी |
शुरू होने की तिथि | 17 सितंबर 2023 |
लाभार्थी | पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार |
उद्देश्य | वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और बाज़ार सहयोग प्रदान करके पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों का समर्थन करना |
बजट | 13,000 करोड़ रुपये |
आधिकारिक वेबसाइट | pmvishwakarma.gov.in |
पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत आने वाले व्यवसायों की सूची
इस योजना में निम्नलिखित 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है, अर्थात्:
बढ़ई (सुथार) | नाव निर्माता | अस्रकार |
लोहार | हथौड़ा और टूलकिट निर्माता | ताला निर्माता |
सुनार | कुम्हार | मूर्तिकार, पत्थर उत्कीर्णकार |
चमड़ा कारीगर / जूते निर्माता / फुटवियर कारीगर | राजमिस्त्री | टोकरी / चटाई / झाड़ू निर्माता / नारियल रस्सी बुनकर |
पारंपरिक गुड़िया और खिलौना निर्माता | नाई | माला निर्माता |
धोबी | दर्जी | मछली जाल निर्माता |
उद्देश्य
पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को मान्यता देना और सम्मानित करना।
- कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक बाज़ार की माँग के अनुरूप कौशल सिखाना और उन्हें पुनः कुशल बनाना।
- कारीगरों और शिल्पकारों को अपना कारोबार शुरू करने और बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- कारीगरों और शिल्पकारों के लिए बाज़ार तक पहुँच और लिंकेज सुविधाएँ प्रदान करना।
- भारत की पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा देना और संरक्षित करना।
लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को विभिन्न लाभ प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
- मान्यता: कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता दी जाएगी।
- कौशल उन्नयन: कारीगरों और शिल्पकारों को अपने संबंधित व्यवसायों में बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसके लिए प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता दिया जाएगा।
- टूलकिट प्रोत्साहन: कारीगरों और शिल्पकारों को 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- क्रेडिट सपोर्ट: कारीगरों और शिल्पकारों को बिना जमानत के 5% प्रति वर्ष की सब्सिडी ब्याज दर पर कर्ज़ की सुविधा मिलेगी।
- डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन: कारीगरों और शिल्पकारों को प्रति माह 100 लेनदेन तक प्रति लेनदेन 1 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- विपणन (Marketing) सहायता: राष्ट्रीय विपणन समिति [National Committee for Marketing (NCM)] गुणवत्ता प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग और प्रचार, ई-कॉमर्स लिंकेज और व्यापार मेले भागीदारी जैसे विपणन सहायता प्रदान करेगी।
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पात्रता
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्र होने के लिए, कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:
- भारत का नागरिक होना चाहिए।
- योजना के अंतर्गत आने वाले 18 व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना चाहिए (व्यवसायों की सूची उपर दी गयी है)।
- 18 वर्ष से अधिक आयु का होना चाहिए।
- प्रति परिवार केवल एक सदस्य ही योजना के तहत पंजीकरण करने और लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र है। लाभ प्राप्त करने के लिए, एक ‘परिवार’ को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों के रूप में परिभाषित किया गया है।
अपात्रता
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए निम्नलिखित अपात्रता मानदंड हैं:
- पिछले 5 वर्षों में पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा जैसी केंद्र या राज्य सरकार की ऋण आधारित स्वरोजगार/व्यवसाय विकास योजनाओं के तहत ऋण ले चुके व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
- सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण के लिए लाभार्थियों को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रदान करने होंगे:
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक का विवरण
- राशन कार्ड
पंजीकरण प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के चरण इस प्रकार हैं:
- पंजीकरण आधार संख्या से जुड़े बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण वाले पीएम विश्वकर्मा पोर्टल या कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन के ज़रिए किया जाएगा।
- लाभार्थी सीधे या ग्राम स्तर के उद्यमियों (वीएलई) या जनगणनाकर्ताओं की सहायता से सीएससी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
- सीएससी लाभार्थियों की मुख्य आवश्यकताओं का आकलन करने और योजना के तहत लाभों के बारे में मार्गदर्शन करने में सहायता प्रदान करेगा। आवेदन पर कौशल उन्नयन घटक के बारे में लाभार्थियों को सूचित किया जाएगा।
- लाभार्थियों को आवेदन पर अपना आधार संख्या से जुड़ा बैंक खाता विवरण प्रदान करना होगा, जो मौद्रिक लाभ के लिए पसंदीदा खाता होगा।
- सभी चरणों पर आधार प्रमाणीकरण बायोमेट्रिक के माध्यम से अनिवार्य होगा, जो सीएससी द्वारा किया जाएगा।
- आवेदन जमा करने और अनुमोदन के बाद, तीन चरणों वाली सत्यापन प्रक्रिया होगी, जिसके पूरा होने पर पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकरण होगा।
सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रिया
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों का पंजीकरण तीन चरणों वाली सत्यापन और अनुमोदन प्रक्रिया में होगा:
चरण 1: ग्राम पंचायत या नगरपालिका स्तर पर सत्यापन
- पंजीकृत कारीगरों/शिल्पकारों की प्रारंभिक जाँच ग्राम पंचायत प्रमुख/ग्राम सभा अध्यक्ष या नगरपालिका के कार्यकारी प्रमुख/प्रशासक द्वारा की जाएगी।
- पंचायत प्रमुख ग्राम सेवक/पंचायत सचिव की सहायता से लाभार्थियों का सत्यापन कर सकते हैं।
- ग्राम पंचायत प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे कि क्या लाभार्थी परंपरागत रूप से इस व्यवसाय में स्वरोजगारी कर रहा है।
- सत्यापन में यह सुनिश्चित करने के लिए परिवार का विवरण जाँचा जाएगा कि प्रति परिवार केवल एक पात्र व्यक्ति को कवर किया गया है।
- वीएलई द्वारा एकत्र किए गए विवरणों की प्रमाणीकरण ग्राम पंचायत प्रमुख या नगरपालिका के कार्यकारी प्रमुख द्वारा की जाएगी।
चरण 2: जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा छानबीन और सिफारिश
- ग्राम पंचायत प्रमुख/कार्यकारी प्रमुख द्वारा सत्यापित पंजीकरण विवरण को जिला कार्यान्वयन समिति को ऑनलाइन भेजा जाएगा।
- जिला कार्यान्वयन समिति लाभार्थियों के आवेदनों की छानबीन करेगी और सिफारिश करेगी।
चरण 3: स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन
- अंतिम अनुमोदन स्क्रीनिंग समिति द्वारा जिला कार्यान्वयन समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखकर दिया जाएगा।
- स्क्रीनिंग समिति जिसकी अध्यक्षता डीसी-एमएसएमई क्षेत्रीय प्रभारी अधिकारी करेंगे, में राज्य लीड बैंक प्रबंधक और एमएसडीई प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- स्क्रीनिंग समिति प्रत्येक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में पंजीकरण प्रक्रिया की देखरेख करेगी।
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बजट
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक की अवधि के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस बजट का उपयोग पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और विपणन (मार्केटिंग) सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
प्रभाव
पीएम विश्वकर्मा योजना से प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और विपणन सहायता प्रदान करके पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल, उत्पादकता और आय में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने में मदद करेगा साथ ही रोजगार सृजन और हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देगा। मुख्य रूप से, इस योजना का लक्ष्य कारीगरों और बुनकरों को प्रतिस्पर्धी बनाना और उनकी क्षमता को पूरी तरह प्राप्त करने में मदद करना है।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक समर्थन और सशक्तिकरण प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल है। भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में उनके अतुलनीय योगदान को मान्यता देते हुए, वित्तीय सहायता प्रदान कर, कौशल नवीनीकरण की सुविधा देते हुए और बाज़ार तक पहुंच सक्षम बनाते हुए, यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करती है। 13,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ, इस योजना में हस्तशिल्प क्षेत्र को बढ़ावा देने, पारंपरिक कला को संरक्षित करने, रोजगार सृजन करने और सतत आजीविका को बढ़ावा देने की क्षमता है। एक सुव्यवस्थित ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से लाभों का एकीकृत वितरण इस योजना को वास्तव में नवोन्मेषी और प्रभावी बनाता है। यदि सभी जिलों में कुशलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो पीएम विश्वकर्मा योजना लाखों कारीगरों के जीवन में एक बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है, मेक इन इंडिया का समर्थन कर सकती है और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दे सकती है। यह योजना सरकार के डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और सबका साथ सबका विकास को साकार करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
FAQs
प्रश्न: पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?
उत्तर: पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर, 2023 को शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण और बाज़ार सहयोग प्रदान करना है।
प्रश्न: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कौन-कौन से व्यवसाय शामिल हैं?
उत्तर: इस योजना में 18 व्यवसाय शामिल हैं जैसे – बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, चमड़ा कारीगर, गुड़िया निर्माता, नाई, माला निर्माता आदि।
प्रश्न: पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: 18 वर्ष से अधिक उम्र, शामिल व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना, भारतीय नागरिक होना आदि पात्रता मानदंड हैं।
प्रश्न: इस योजना के तहत कारीगरों को क्या लाभ मिलेंगे?
उत्तर: कारीगरों को वित्तीय सहायता, कौशल प्रशिक्षण, टूलकिट, क्रेडिट सपोर्ट और मार्केटिंग सहायता जैसे लाभ मिलेंगे।
प्रश्न: पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण कैसे कराया जा सकता है?
उत्तर: ऑनलाइन पोर्टल या सीएससी के माध्यम से आधार संख्या से जुड़े आवेदन के जरिए पंजीकरण किया जा सकता है।
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